Motivational Story In HIndi – हिंदी मोटिवेशनल स्टोरी
दोस्तों अगर हमें अगर अपनी लाइफ में कामयाब होना है तो हमें समय समय पर मोटिवेशन की जरूरत होती है और उसके लिए हमें या तो कोई मोटिवेशनल गुरु चाहिए या कोई मोटिवेशनल किताब | इसलिए Motivational story in Hindi में कुछ खाश motivational story है आपके लिए |
अरे जब सोचना ही है तो बड़ा सोचो ना
किसी गाँव में एक गरीब लड़का रहता था। उसके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी।
बेचारे परिवार वालों ने बड़ी मुश्किल से उसे पढ़ाया ग्रेजुएशन कराया ,
लेकिन देश में बढ़ती बेरोजगारी की वजह से बेचारे को नौकरी नहीं मिली।
घर में दो वक्त की रोटी भी नहीं बन पाती थी।
एक बार वह लड़का ट्रेन से शहर में इंटरव्यू देने जा रहा था।उसके पास खाने को कुछ खास नहीं था।
एक छोटे से टिफिन में चार रोटी थीं और सब्जी तो थी ही नहीं।ट्रेन अपनी रफ़्तार से जा रही थी।
लड़के को भूख लगी तो उसने अपना टिफिन खोला जिसमें केवल रोटियां थीं। उसने टिफिन से रोटियां बाहर निकलीं
रोटी का टुकड़ा तोड़कर टिफिन में ऐसे अंदर डाला जैसे उस टिफिन में सब्जी है
और फिर वो रोटी का टुकड़ा खाने लगा। पास में एक आदमी ने देखा तो उसे बड़ा अजीब लगा।
उस लड़के ने फिर एक टुकड़ा रोटी का लेकर टिफिन में ऐसे डाला ,
जैसे टिफिन में सब्जी है और फिर रोटी खाने लगा। अब कुछ लोग उसकी इस हरकत को देख कर हैरान हो रहे थे
कि टिफिन तो खाली है लेकिन फिर भी ये बार बार ऐसे क्यों कर रहा है
जैसे सब्जी से रोटी खा रहा हो।इतने में एक आदमी से रहा नहीं गया,
तो उसने उस लड़के से पूछ ही लिया, कि भइया आपका टिफिन तो खाली है
फिर टुकड़ा डालकर ऐसे क्यों खा रहे हो ?
वो लड़का बोला मुझे पता है कि ये टिफिन खाली है
लेकिन मैंने ये सोचा हुआ है कि इस टिफिन में अचार है और मैं अचार से रोटी खा रहा हूँ।
फिर उस आदमी ने पूछा कि ऐसे करने से क्या आपको अचार का स्वाद आ रहा है,
तो वो लड़का बोला – हाँ मुझे अचार का स्वाद आ रहा है,
मुझे ये रोटी स्वाटिष्ट लग रही है क्योंकि सोचने से ही मुझे अचार का स्वाद आ रहा है।
इतने में पीछे से किसी व्यक्ति ने आवाज लगायी – अरे भाई जब सोचना ही था
तो मटर पनीर या शाही पनीर सोचते, कम से कम पनीर का तो स्वाद आ जाता,
ये सुनते ही आस पास बैठे सभी यात्री हंस पड़े ? ?
सही ही तो कहा उस व्यक्ति ने, अरे जब सोचना ही है तो बड़ा सोचो, छोटा सोच कर क्या फायदा ?
दोस्तों अब्दुल कलाम जी ने कहा है
कि जब भी सोचो बड़ा सोचो क्योंकि बड़ा सोचने वालों के सपने पूरे हुआ करते हैं।
हम रोजाना बहुत सी बातें सीखते हैं, पढ़ते हैं, देखते हैं और सोचते हैं
भाई जब सोचना ही है तो बड़ा सोचो ना।
ये केवल एक किस्सा नहीं है बल्कि एक जादुई ट्रिक भी है
आप बड़ा सोचिये फिर देखिये आपको रिजल्ट भी बड़े मिलने चालू हो जायेंगे। Motivational story in Hindi
इंसान की कीमत – Best Inspirational Motivational Stories in Hindi
एकबार एक टीचर क्लास में पढ़ा रहे थे|
बच्चों को कुछ नया सिखाने के लिए टीचर ने जेब से 100 रुपये का एक नोट निकाला|
अब बच्चों की तरफ वह नोट दिखाकर कहा – क्या आप लोग बता सकते हैं
कि यह कितने रुपये का नोट है ?सभी बच्चों ने कहा – “100 रुपये का”
टीचर – इस नोट को कौन कौन लेना चाहेगा ? सभी बच्चों ने हाथ खड़ा कर दिया|
अब उस टीचर ने उस नोट को मुट्ठी में बंद करके बुरी तरह मसला जिससे वह नोट बुरी तरह कुचल सा गया|
अब टीचर ने फिर से बच्चों को नोट दिखाकर कहा कि अब यह नोट कुचल सा गया है अब इसे कौन लेना चाहेगा ?
सभी बच्चों ने फिर हाथ उठा दिया।
अब उस टीचर ने उस नोट को जमीन पर फेंका और अपने जूते से बुरी तरह कुचला|
फिर टीचर ने नोट उठाकर फिर से बच्चों को दिखाया और पूछा कि अब इसे कौन लेना चाहेगा ?
सभी बच्चों ने फिर से हाथ उठा दिया|
अब टीचर ने कहा कि बच्चों आज मैंने तुमको एक बहुत बड़ा पढ़ाया है| ये 100 रुपये का नोट था,
जब मैंने इसे हाथ से कुचला तो ये नोट कुचल गया लेकिन इसकी कीमत 100 रुपये ही रही,
इसके बाद जब मैंने इसे जूते से मसला तो ये नोट गन्दा हो गया लेकिन फिर भी इसकी कीमत 100 रुपये ही रही|
ठीक वैसे ही इंसान की जो कीमत है और इंसान की जो काबिलियत है वो हमेशा वही रहती है|
आपके ऊपर चाहे कितनी भी मुश्किलें आ जाएँ, चाहें जितनी मुसीबतों की धूल आपके ऊपर गिरे लेकिन आपको अपनी कीमत नहीं गंवानी है| आप कल भी बेहतर थे और आज भी बेहतर हैं|
MOTIVATIONAL STORY IN HINDI ELEPHANT WITH CHAIN
एक व्यक्ति रास्ते से गुजर रहा था कि तभी उसने देखा कि एक हाथी एक छोटे से लकड़ी के खूंटे से बंधा खड़ा था|
व्यक्ति को देखकर बड़ी हैरानी हुई कि इतना विशाल हाथी एक पतली रस्सी के सहारे उस लकड़ी के खूंटे से बंधा हुआ है|
ये देखकर व्यक्ति को आश्चर्य भी हुआ और हंसी भी आयी| उस व्यक्ति ने हाथी के मालिक से कहा – अरे ये हाथी तो इतना विशाल है
फिर इस पतली सी रस्सी और खूंटे से क्यों बंधा है ? ये चाहे तो एक झटके में इस रस्सी को तोड़ सकता है लेकिन ये फिर भी क्यों बंधा है ?
हाथी के मालिक ने व्यक्ति से कहा कि श्रीमान जब यह हाथी छोटा था मैंने उसी समय इसे रस्सी से बांधा था|
उस समय इसने खूंटा उखाड़ने और रस्सी तोड़ने की पूरी कोशिश की लेकिन यह छोटा था इसलिए नाकाम रहा|
इसने हजारों कोशिश कीं लेकिन जब इससे यह रस्सी नहीं टूटी तो हाथी को यह विश्वास हो गया कि यह रस्सी बहुत मजबूत है
और यह उसे कभी नहीं तोड़ पायेगा इस तरह हाथी ने रस्सी तोड़ने की कोशिश ही खत्म कर दी|
आज यह हाथी इतना विशाल हो चुका है लेकिन इसके मन में आज भी यही विश्वास बना हुआ है कि यह रस्सी को नहीं तोड़ पायेगा
इसलिए यह इसे तोड़ने की कभी कोशिश ही नहीं करता| इसलिए इतना विशाल होकर भी यह हाथी एक पतली सी रस्सी से बंधा है|
दोस्तों उस हाथी की तरह ही हम इंसानों में भी कई ऐसे विश्वास बन जाते हैं जिनसे हम कभी पार नहीं पा पाते|
एकबार असफल होने के बाद हम ये मान लेते हैं कि अब हम सफल नहीं हो सकते और फिर हम कभी आगे बढ़ने की कोशिश ही नहीं करते और झूठे विश्वासों में बंधकर हाथी जैसी जिंदगी गुजार देते हैं|