VISHNU PURAN PART 5 – विष्णु पुराण पांचवा अध्याय
भगवान विष्णु ने जय और विजय से कहा -‘‘महा मुनियों का शाप झूठा साबित नहीं हो सकता। तुम दोनों मेरे प्रति मैत्री भाव रखते हुए सात जन्मों में तर जाना … Read More
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भगवान विष्णु ने जय और विजय से कहा -‘‘महा मुनियों का शाप झूठा साबित नहीं हो सकता। तुम दोनों मेरे प्रति मैत्री भाव रखते हुए सात जन्मों में तर जाना … Read More
क्षीर सागर मंथन के समय, राक्षस देवताओं का मज़ाक उड़ाते रहे और अपना पूरा भुज बल दर्शाते हुए सर्पराज को खींचते रहे । देवताओं ने अपने बल का पूरा-पूरा प्रयोग … Read More
सूतमहर्षि ने नारदमुनि की कहानी सुनाना प्रारंभ किया – पिछले जन्म में नारद ने एक दासी-पुत्र के रूप में जन्म लिया था। वह दासी एक भक्त के घर में काम … Read More
सत्यव्रत की बातें सुनकर मछली समुद्र के बीच पहुँची, एक महा पर्वत की भांति समुद्र की लंबाई तक फैलकर बोली, ‘‘सत्यव्रत, देखा, तुम्हारी वाणी अचूक निकली और अचूक रहेगी। न … Read More
विष्णु पुराण’ VISHNU PURAN अठारह महापुराओं में से एक है, जो हिंदू धर्म के प्राचीन और मध्ययुगीन ग्रंथों की एक शैली है। यह वैष्णववाद साहित्य संगठित में एक महत्वपूर्ण पंचरात … Read More
सुख, शांति, वैभव और लक्ष्मी प्राप्ति के लिए अद्भुत चमत्कारी प्राचीन व्रत वैभव लक्ष्मी व्रत करने का नियम – Vaibhav Lakshmi Vrat Katha 1. यह व्रत सौभाग्यशाली स्त्रियां करें तो उनका … Read More
पूजन सामग्री – Purnima Vrat Katha दूध, दही, घी, शर्करा, गंगाजल, रोली, मौली, ताम्बूल, पूंगीफल, धूप, फूल (सफेद कनेर), यज्ञोपवीत, श्वेत वस्त्र, लाल वस्त्र, आक, बिल्व-पत्र, फूलमाला, धतूरा, बांस की टोकरी, … Read More
हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष में चौबीस एकादशियां होती हैं। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। इस व्रत … Read More
महाराज युधिष्ठिर ने कहा- हे भगवन! आप तीनों लोकों के स्वामी, सबको सुख देने वाले और जगत के पति हैं। मैं आपको नमस्कार करता हूँ। हे देव! आप सबके हितैषी … Read More
श्री सत्यनारायण भगवान का यह व्रत विधि-विधानपूर्वक संपन्न करके मनुष्य इस धरती पर सुख भोगकर, मरने पर मोक्ष को प्राप्त होता है।- Satyanarayan bhagwan ki katha प्रथम अध्याय – Satyanarayan … Read More