VISHNU PURAN PART 4 – विष्णु पुराण चौथा अध्याय
क्षीर सागर मंथन के समय, राक्षस देवताओं का मज़ाक उड़ाते रहे और अपना पूरा भुज बल दर्शाते हुए सर्पराज को खींचते रहे । देवताओं ने अपने बल का पूरा-पूरा प्रयोग … Read More
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क्षीर सागर मंथन के समय, राक्षस देवताओं का मज़ाक उड़ाते रहे और अपना पूरा भुज बल दर्शाते हुए सर्पराज को खींचते रहे । देवताओं ने अपने बल का पूरा-पूरा प्रयोग … Read More
सूतमहर्षि ने नारदमुनि की कहानी सुनाना प्रारंभ किया – पिछले जन्म में नारद ने एक दासी-पुत्र के रूप में जन्म लिया था। वह दासी एक भक्त के घर में काम … Read More
सत्यव्रत की बातें सुनकर मछली समुद्र के बीच पहुँची, एक महा पर्वत की भांति समुद्र की लंबाई तक फैलकर बोली, ‘‘सत्यव्रत, देखा, तुम्हारी वाणी अचूक निकली और अचूक रहेगी। न … Read More
विष्णु पुराण’ VISHNU PURAN अठारह महापुराओं में से एक है, जो हिंदू धर्म के प्राचीन और मध्ययुगीन ग्रंथों की एक शैली है। यह वैष्णववाद साहित्य संगठित में एक महत्वपूर्ण पंचरात … Read More